Tuesday, March 8, 2011

हम सभी अपने आप में हैं विलक्षण

नई दिल्ली। हालात चाहे जो भी हों, अपनी मानसिकता व नजरिया को प्रसन्न और शांत बनाए रखें। स़डक पर ट्रैफिक न मिले, अच्छी धूप निकल जाए या आपको अच्छे प़डोसी मिल जाएं तो ऎसी छोटी-छोटी बातों के लिए भी आभार व्यक्त करें।
अपने आसपास नजर दौ़डाएं तो आपको पता चलेगा कि ईश्वर ने आपको कैसी-कैसी और कितनी सुविधाएं दी हैं। टी.वी., घरेलू उपकरण, बिजली, पानी आदि की आज से पचास वर्ष पूर्व तक कितनी किल्लत थी। मुझे याद है कि जब मैंने 1980 में वीसीडी पर पहली फिल्म देखी तो मुझे यह किसी अजूबे से कम नहीं लगा था। ऎसा लगता था कि हमें घर में ही थिएटर की सुविधा मिल गई। मोबाइल फोन को ही लें, यह तो आम आदमी की पहुंच से कहीं ऊपर था। कार, रेल, वायुयान, स्कूटर आदि ने हमारे जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर डाला है। प्रतिदिन पांच ऎसी वस्तुओं की सूची बनाएं, जिनके लिए आप धन्यवाद देना चाहते हों। दूसरों की तारीफ करें, ताकि वह बेहतर तरीके से काम कर पाए।
मैंने नोट किया कि जब मैं अपने सेक्रेटरी की तारीफ करता हूं तो वह न केवल खुश होता है, बल्कि उसकी कार्यक्षमता भी दुगनी हो जाती है। मैं स्टाफ की गलतियां निकालते समय किसी तरह निजी रूप से दोषारोपण नहीं करता, क्योंकि मैं जानता हूं नकारात्मकता आपको लोगों से दूर ले जाती है। इस संसार में रोमांचक यात्रा का भरपूर आनंद लें और याद रखें कि असफलता ही सफलता तक पहुंचने की सबसे पहली सीढ़ी है। असफल हुए बिना आप सफल होने का तरीका सीख ही नहीं सकते। किसी व्यक्ति के पास यदि साइकिल हो तो मोटरसाइकिल खरीदना उसके लिए ब़डी बात हो सकती है। अपने जीवन में कुछ ऎसे हुनर भी सीखें, जो आपको लगता है कि आप कभी नहीं कर सकते। आपको ज्यादा ऊंचे स्तर पर रचनात्मक होने की आवश्यकता नहीं है। जीवन में सफलता पाने के लिए आपको कुछ न कुछ करना ही होगा। आप पूछेंगे कि कौन से काम, कब, कहां और कैसे किए जाएंक् इन प्रश्नों का उत्तर जानना कठिन नहीं है।
उत्तर इसी बात में छिपा है कि आप जीवन में क्या करना चाहते हैं और किस तरह का जीवन जीना चाहते हैं, नए-नए विचारों पर काम करें, नए-नए तरीके आजमाएं और यह जानने की कोशिश करें कि आपके लिए क्या बेहतर हो सकता हैक् हमें अहसास होना चाहिए कि हम सभी अपने आप में विलक्षण हैं, इसलिए हम सब का उद्देश्य केवल इतना होना चाहिए कि हम बढि़या से बढि़या और बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करें।
(लेखक सीबीआई के पूर्व निदेशक हैं। डायमंड पॉकेट बुक्स प्रा. लि., नई दिल्ली से प्रकाशित उनकी पुस्तक "सफलता का जादू" से साभार)

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