Wednesday, March 9, 2011

हसन अली: कबाड़ी बन गया खरबपति कारोबारी, देश का सबसे बड़ा टैक्‍स ‘चोर’


नई दिल्‍ली. देश में टैक्‍स चोरी के सबसे बड़े आरोपी हसन अली खान की असल जिंदगी किसी फिल्‍मी कहानी जैसी लगती है। पुणे के इस व्यवसायी पर स्विस बैंक में करीब आठ अरब अमेरिकी डॉलर का काला धन जमा करने का आरोप है। लेकिन उसने कबाड़ का धंधा करने की बात कबूल की थी। उसका कहना है कि इस धंधे से उसे सालाना 30 लाख रुपये की कमाई होती है। लेकिन शानदार पार्टियां व घुड़दौड़ आयोजित करने के साथ महंगी कारें रखने के शौकीन हसन अली पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा कसता जा रहा है।खान की कहानी की शुरुआत हैदराबाद से होती है। वह हैदरबाद में तैनात रहे एक्‍साइज अफसर का बेटा है। खान के शुरुआती दिनों के बारे में कई बाते सामने आती रही हैं लेकिन वह चर्चा में उस वक्‍त आया जब उसके पास बड़े पैमाने पर काला धन की बात सामने आई। शुरुआती दिनों में उसने पुरानी चीजें बेचने सहित कई तरह के धंधे किए। हसन अली का दावा है कि वह हैदराबाद के निजाम के खानदान से ताल्‍लुक रखता है।घुड़दौड़ के कारोबार की दुनिया से वह 1990 के शुरुआत में जुड़ा जब वह हैदराबाद में ही रहता था। बाद में वह इसी कारोबार से जुड़े रहते हुए मुंबई गया फिर पुणे और अन्‍य शहरों का रुख किया। कहा जाता है कि उसने अपनी पहली पत्‍नी को तलाक दे दिया है जिसके साथ वह हैदराबाद में रहता था। वह रहीमा (मौजूदा पत्‍नी) से शादी करने के बाद पुणे जाकर बस गया। देश के कोने में कहीं भी होने वाले घुड़दौड़ में अक्‍सर यह जोड़ी दिख जाती है।मुंबई के कोर्ट में चल रहे हसन अली केस में कोर्ट ने ईडी को फटकार भी लगाई है। स्‍पेशल कोर्ट ने जांच एजेंसी से पूछा किया कि काले धन को लेकर हसन अली को कस्टडी में रखने के लिए अभी तक कोई मुकदमा क्‍यों नहीं दर्ज की है। 58 साल के हसन के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को मंगलवार को फटकार लगाई थी।

शीर्ष अदालत ने सरकार से पूछा कि हथियार कारोबारियों और आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों से संपर्क रखने के आरोप में हसन अली के खिलाफ पोटा सहित अन्य सख्त कानूनों के तहत मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया गया? विदेशों में काला धन रखने के आरोप में ईडी ने हसन को गत सोमवार देर रात गिरफ्तार किया था। आयकर विभाग ने 2007 में हसन अली के घर छापा भी मारा था। आरोप है कि हसन अली विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले भारतीयों के लिए एजेंट के तौर काम करता है। इसके बदले वह ऐसे लोगों से कमीशन वसूलता है। खान पर 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का आरोप है। सरकार ने पिछले साल राज्‍य सभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि हसन अली पर यह बकाया ब्‍याज सहित 70 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है।

ईडी ने 2007 में स्विस बैंक से हसन अली के एकाउंट का ब्‍यौरा मांगा था। लेकिन स्विस बैंक ने उससे जुड़ी जानकारियां भारतीय जांच एजेंसियों को साझा करने से मना कर दिया था। उन्‍होंने इसके लिए तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में टैक्‍स रिटर्न फाइल नहीं करना स्विट्जरलैंड के कानूनों के तहत अपराध नहीं है।

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