Wednesday, March 9, 2011

हसन अली पर आतंकवाद का केस क्यों नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने पुणे के घोड़ा कारोबारी हसन अली खान के फर्जी पासपोर्ट मामले में सीबीआई की जांच पर गंभीरता से विचार किया और सुझाव दिया कि उसके खिलाफ आतंकवाद से जुड़े आरोप लगाए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने सीधे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से हसन अली मामले से जुड़ी जांच की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी।

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी और एस.एस. निज्जर की बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या हसन अली के खिलाफ दर्ज फर्जी पासपोर्ट मामले में सीबीआई से जांच करवाई जा सकती है? हसन अली के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट मामले में की गई जांच से असंतुष्ट बेंच ने कहा कि ना तो जांच तेजी से की गई और ना ही जांच सही दिशा में की गई। जांच से कुछ हासिल नहीं हुआ है।

हसन अली खान के रिश्ते इंटरनैशनल आर्म्स डीलर से होने की बात सामने आने के बाद कोर्ट ने कहा है कि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। हसन अली पर आतंकवाद से जुड़े आरोप क्यों नहीं लगाए जाते?

गौरतलब है कि हसन अली को सोमवार रात को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था और आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाना है। 53 वर्षीय अली से ईडी ने सोमवार को पुणे में पूछताछ की और बाद में उन्हें मुंबई लाया गया। लेकिन मंगलवार सुबह ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद उन्हें हॉस्टिपल में भर्ती करवाना पड़ा।

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