Tuesday, March 8, 2011

गद्दाफी को देश छोड़ने 72 घंटे का समय, ईरान दे सकता है शरण


त्रिपोली. लीबिया के तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी को विद्रोहियों ने देश छोड़ने के लिए 72 घंटे का समय दिया है। माना जा रहा है कि गद्दाफी गद्दी छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं लेकिन उन्होंने कुछ शर्तें रखी हैं। गद्दाफी के ईरान, वेनेजुएला, क्यूबा जैसे देशों से बेहतर संबंध हैं और यदि वे देश छोड़ते हैं तो उनके इन देशों में शरण लेने की संभावना है।

कहां शरण ले सकते हैं गद्दाफी

हालांकि विश्व के अधिकांश देश तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के पक्ष में हैं, ईरान और लेटिन अमेरिका के कम से कम तीन देश, वेनेजुएला, निकारागुआ और क्यूबा उन्हें देस छोड़ने की स्थिति में शरण दे सकते हैं। मुअम्मर गद्दाफी का अमेरिका विरोधी देशों से बेहतर तालमेल है। हाल ही में ईरान ने धमकी दी है कि यदि पश्चिमी देशों ने लीबिया पर सैन्य कार्रवाई की तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। ईरान के राष्ट्रपति मोहम्मद अहमदनेजाद के अमेरिका से सामान्य संबंध नहीं हैं। उन्होंने धमकी दी कि यदि लीबिया पर हमला हुआ तो वहां अमेरिकी सैनिकों की कब्रगाह बना दी जाएगी।

लीबिया की सरकार ने लेटिन अमेरिका के कुछ देशों से काफी गहरे आर्थिक और व्यापारिक संबंध विकसित किए हैं। गद्दाफी के इन देशों के प्रमुखों से व्यक्तिगत संबंध हैं। लेटिन अमेरिका के ही कुछ देश गद्दाफी के विरोध में हैं, लेकिन करीब तीन देशों से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं। पेरू लीबिया के विरोध में है। ब्राजील ने लीबिया के मामले में चुप्पी साध रखी है। ब्राजील के भी लीबिया से गहरे व्यापारिक संबंध हैं।

निकारागुआ के नेता डेनियल ओरटेगा ने सबसे पहले गद्दाफी के पक्ष में आवाज उठाई। माना जाता है कि लीबिया ने निकारागुआ और क्यूबा को बड़े पैमाने पर ब्याजमुक्त ऋण दिया है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति हुगो चवेज ने लीबिया से पिछले कुछ सालों में 150 से ज्यादा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन दोनों नेताओं का व्यक्तिगत रूप से भी बेहतर तालमेल है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति हुगो चवेज ने हाल ही में लीबिया में मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था, जिसे जनता ने ठुकरा दिया।

गद्दाफी को 72 घंटे का समय
जनता का नेतृत्व कर रही नेशनल लीबियन काउंसिल के नेता अब्देल जलील ने कहा है कि यदि गद्दाफी नहीं चाहते कि उनके खिलाफ युद्ध अपराध के मामले चलाए जाएं, तो वे 72 घंटे में देश छोड़ दें। उन्होंने कहा कि यदि गद्दाफी 72 घंटों में देश छोड़ दें, जनता पर बमबारी बंद करें तो जनता भी उन पर युद्ध अपराध चलाने के लिए दबाव नहीं डालेगी। जनता के कुछ नेताओं ने कहा है कि गद्दाफी ने उनके पास सूचना भेजी है कि वे परिवार सहित देश छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन उनकी कुछ शर्तें हैं। हालांकि सरकार ने इन दावों का खंडन किया है। 

इसी बीच त्रिपोली में सरकार विरोधी और समर्थकों में युद्ध काफी तेज हो गया है। गद्दाफी समर्थक सेनाओं ने जनता के कब्जे वाले शहरों पर नियंत्रण करने के लिए दो दिन पहले नए सिरे से हमले शुरु किए, जो अभी भी जारी हैं। जनता भी पूर्व और पश्चिमी क्षेत्रों में अपने गढ़ बचाने का प्रयास कर रही है। गद्दाफी समर्थकों ने लीबिया के पश्चिमी क्षेत्र में नए सिरे से बड़ा हमला बोला है।

गद्दाफी देश छोड़ने को राजी?
एक टीवी चैनल के अनुसार मुअम्मर गद्दाफी ने देश छोड़ने का प्रस्ताव दिया है। गद्दाफी के अनुसार इसके लिए लीबियाई संसद की बैठक बुलाई जाए, जिसमें वे इस संबंध में घोषणा करेंगे। इसके अलावा उन पर युद्ध अपराध संबंधी कोई मुकदमा नहीं चलाया जाए और बड़ी रकम लेकर देश के बाहर जाने दिया जाए। हालांकि विद्रोही काउंसिल ने प्रस्ताव को नकार दिया है और कहा है कि यह गद्दाफी के खिलाफ चल रहे आंदोलन में मारे गए लोगों का अपमान होगा। गद्दाफी ने पूर्व प्रधानमंत्री जदल्लाह ताल्ही को ये प्रस्ताव लेकर काउंसिल के पास भेजा था।

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