Wednesday, March 9, 2011

अखिलेश की गिरफ्तारी पर सपाइयों का हंगामा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार और सपा के बीच शुरू हुई जंग का एक हिस्सा अब दिल्ली में लड़ा जाएगा। प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन के चलते अखिलेश यादव समेत दूसरे सपा सांसदों की जगह-जगह गिरफ्तारी को पार्टी उनके विशेषाधिकार हनन का मुद्दा बनाएगी। पार्टी सांसदों ने बुधवार को इन मामलों को लोकसभा में फिर उठाया। साथ ही प्रदेश सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करने का आरोप उसे बर्खास्त करने की मांग की।
मायावती सरकार के खिलाफ आंदोलन के चलते गिरफ्तारी के बाद सैकड़ों समर्थकों के साथ इटावा जेल में बंद सपा महासचिव व राज्यसभा सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि बिना पर्याप्त वजह के सांसदों को गिरफ्तारी करना अवमानना के दायरे में आता है। पार्टी सांसद अखिलेश यादव को बुधवार को लखनऊ में अमौसी हवाई अड्डे से निकलते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। न तो वहां कोई आंदोलन हो रहा था और न ही वहां धारा-144 लागू थी। यह संसद की अवमानना है। लोकसभाध्यक्ष से इसकी शिकायत की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह सांसद रेवतीरमण सिंह व पार्टी के दूसरे सांसदों को भी अनावश्यक रूप से गिरफ्तार किया गया है। बिना किसी आंदोलन में शामिल हुए ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को दो दिन पहले लखनऊ में पुलिस ने घर से बाहर नहीं निकलने दिया। सांसद की अवमानना की इस कार्रवाई की शिकायत लोकसभाध्यक्ष से पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि दरअसल प्रदेश सरकार शांतिपूर्ण आंदोलन को भी दमन के जरिए कुचलने पर उतर आई है। यही वजह है कि वह सांसदों की अवमानना के हद तक जा रही है।
बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सपा सांसद लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार केआसन तक आ गये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित कर रही है। उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए। मीरा कुमार ने कहा कि इस मामले में जांच की बात के बारे में वह मंगलवार को ही बता चुकी हैं, इसलिए सांसदों को इस पर शोर नहीं मचाना चाहिए।

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