Wednesday, March 9, 2011

हसन अली मामले में पहले केस तो ठीक से बनाओ

नई दिल्ली. देश में टैक्स चोरी के सबसे बड़े आरोपी और घोड़ों के व्यापारी हसन अली खान मामले में मुंबई की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की खिंचाई की है। कोर्ट के मुताबिक, ईडी ने हसन अली के खिलाफ केस तैयार करने में ढिलाई बरती।

ईडी ने हसन अली का रिमांड मांगा था। इस संबंध में अब गुरुवार को सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान प्रधान सेशन जज एमएल टाहिलियानी ने ईडी से कहा कि यदि उन्हें केस तैयार करने के लिए समय चाहिए तो वे ले सकते हैं। लेकिन यदि बिना तैयारी के आएंगे तो वे उनकी बात नहीं सुनेंगे।

क्षेत्राधिकार का सवाल:

ईडी ने हसन अली के रिमांड की याचिका मंगलवार को लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए जज ने ईडी से सवाल किया था कि यह मामला उनके क्षेत्राधिकार का है भी या नहीं। फिर उन्होंने सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दी थी। लेकिन जब बुधवार को सुनवाई शुरू हुई तो भी ईडी क्षेत्राधिकार के बारे में पुख्ता तर्क नहीं दे पाया। जज ने इस मामले की सुनवाई फिर टाल दी है।

गंभीर आरोप:

हसन अली को सोमवार रात गिरफ्तार किया गया था। हसन अली पर विदेश में 8 अरब डॉलर (करीब 36 हजार करोड़ रु.) का कालाधन जमा करने, 40 हजार करोड़ रुपए की टैक्स चोरी करने और हवाला कारोबार में लिप्त होने के आरोप हैं। इसके अलावा हसन के दाऊद इब्राहिम तथा हथियारों के तस्कर अदनान खशोगी से संबंध होने का खुलासा भी हुआ है। हालांकि, हसन इन सभी आरोपों से इनकार कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त:

सुप्रीम कोर्ट ने हसन अली के हथियार सौदागरों और आतंकी संगठनों के रिश्ते होने के आरोपों से केंद्र सरकार से मंगलवार को पूछा था कि उसके खिलाफ आतंक निरोधक कानून के तहत कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।

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