Wednesday, March 9, 2011

अमेरिका में यौन उत्पीड़न के आरोपी 'गुरु' को सजा

पीटीआई॥ ह्यूस्टन
अमेरिका में दो लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी धर्मगुरु प्रकाशानंद सरस्वती (82 वर्ष) को सजा सुनाई गई है। यौन उत्पीड़न 20 बार किए जाने का आरोप था। अब हर आरोप के लिए 14 साल कैद और 10 हजार डॉलर जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
हेज काउंटी की आठ पुरुषों और चार महिलाओं की जूरी ने मंगलवार को सजा सुनाई। आश्रम के प्रवक्ता का कहना है कि गुरु कहां हैं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। एक भक्त पीटर स्पीजेल ने भी कहा है कि उसके पास प्रकाशानंद की जानकारी नहीं है। धनी पीटर ने गुरु की बॉण्ड पर रिहाई के लिए 10 लाख डॉलर दिए थे। इससे गुरु को बॉण्ड पर रिहा कर दिया गया था। वह सजा सुनाए के दौरान सोमवार को नहीं आया तो जज ने बॉण्ड खत्म करने और गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने के लिए कहा था।
प्रकाशानंद ने सेंट्रल टेक्सस में बरसाना धाम आश्रम की स्थापना की थी। आरोप था कि उसने वहीं लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया। करीब 27 और 30 साल की दो लड़कियों ने तीन साल पहले जानकारी दी थी कि 1993 से 1996 के बीच जब हम किशोरावस्था में थीं, तब प्रकाशानंद ने हमारा यौन उत्पीड़न किया था। इनमें एक लड़की ने कहा कि हम उनके आश्रम में रहती थीं, जहां सख्त ड्रेस कोड लागू था और साथ ही जबरदस्त घेरेबंदी भी थी।
प्रकाशानंद के वकील ने आश्रम में लड़की की स्विमसूट और शॉर्ट्स में तस्वीरें दिखाईं। यह भी बताया कि लड़की 1998 में आश्रम छोड़ने के बाद दोबारा आई। बकौल वकील, 'जिन घटनाओं का जिक्र किया गया, उनके बाद लड़की ने प्रकाशानंद को बर्थडे ग्रीटिंग कार्ड दिया। लड़की ने पैसे ऐंठने के लिए यह दावा किया है।' उधर लड़की ने कहा था कि पैसा कमाना मेरा मकसद नहीं है। जहां तक आरोप देर से लगाने की बात है तो मुझे पहले आश्रम में रह रहे अपने परिवार की चिंता थी।
प्रकाशानंद सरस्वती को श्री स्वामीजी के नाम से भी जाना जाता है। उसका दावा है कि दुनिया भर में मेरे हजारों अनुयायी हैं। बरसाना धाम आश्रम जिस संगठन से जुड़ा है, उसके भारत और अन्य देशों में अस्पताल और मंदिर हैं।

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